पिता में कोरोना संक्रमण के लक्षण और अस्थमा की शिकायत होने के आधार पर एक विचाराधीन कैदी की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि कोरोना संक्रमण का खतरा काफी अधिक है।
अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित व्यक्ति से मुलाकात करता है तो इससे दोनों की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। विचाराधीन कैदी 2014 में कैश वैन से डेढ़ करोड़ रुपये की लूट और गार्ड की हत्या का आरोपी रिजवान है। उसने अदालत में 30 दिन के लिए जमानत की याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट में जमानत की गुहार
उधर, गौतमबुद्ध नगर के जिला कारागार के कैदी राजू उर्फ मदन ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर परिवार की देखरेख और अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए अंतरिम जमानत की गुहार लगाई है। पत्र ने राजू ने कहा है कि वह 1 अप्रैल 2014 से धारा 302 के तहत विचाराधीन कैदी के रूप में जिला कारागार गौतमबुद्ध नगर में बंद है। छह साल में आरोप सिद्ध नहीं हुआ है।
जमानत अर्जी उच्च न्यायालय इलाहाबाद में लंबित है। अंतरिम जमानत की अवधि में भी कोर्ट के जो भी आदेश होंगे, वह पालन करेगा। आदेश के अनुपालन में निर्धारित समय से पहले ही न्यायालय के समक्ष उपस्थित भी हो जाएगा।