जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने हॉस्टल फीस बढ़ोतरी के विरोध में आंदोलन कर रहे छात्रों को सेमेस्टर परीक्षा में भाग न लेने पर विश्वविद्यालय से बाहर (दाखिला रदद) करने की चेतावनी दी है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि एमफिल कोर्स के नियमानुसार 50 फीसदी अंक के साथ पांच सीजीपीए लाना अनिवार्य है। यदि कोई छात्र नियमों को पालन नहीं करता है तो फिर उसका नाम जेएनयू अकेडमिक ऑर्डिनेंस के तहत ऐसे छात्रों के नाम अगले सेमेस्टर से काट दिए जाएंगे।
जेएनयू रजिस्ट्रार प्रो. प्रमोद कुमार की ओर से सभी स्कूल व सेंटर के डीन व चेयरपर्सन के अलावा छात्रों के नाम मंगलवार शाम को सर्कुलर जारी किया गया है। इसमें लिखा है कि विश्वविद्यालय की ओर से 17, 28 व 29 नवंबर को पूर्व में सूचना दी गयी थी कि 12 दिसंबर से सेमेस्टर परीक्षा आयोजित होनी है।
यदि किसी छात्र की हाजिरी कम होती है तो उसे सेमेस्टर परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी। इसके बाद भी आंदोलन में बैठे छात्र कक्षाओं में जाने के लिए तैयार नहीं हैं। जेएनयू अकेडमिक कलेंडर के तहत ही सेमेस्टर परीक्षा 12 दिसंबर से आयोजित होगी। इसमें किसी प्रकार का फेरबदल नहीं किया जाएगा।
विश्वविद्यालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि इस अवधि को लेकर छात्रों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी। बीए ऑनर्स व बीए, एमए व एमएससी कोर्सेज में सभी सत्र की परीक्षाएं निर्धारित सीजीपीए के साथ पास करनी अनिवार्य है।
उधर, जेएनयू छात्रसंघ ने पहले ही सेमेस्टर परीक्षा का बहिष्कार का ऐलान किया है। उनका कहना है कि जब तक हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का फैसला वापस नहीं लिया जाता, उनका आंदोलन चलता रहेगा।